दोस्तों जैसा कि आपको हम बता दें की इनकम टैक्स ने बिना पैन और आधार कार्ड के ट्रांजैक्शन की लिमिट तय कर दी है। जिसे 26 मई 2022 से लागू कर दिया जाएगा आइए जानते हैं। इनकम टैक्स ने क्या क्या बदलाव किया है।
जैसा कि आप सभी जानते हैं। आयकर विभाग बड़े लेनदेन पर नजर बनाए रखने के लिए गुरुवार से नया नियम लागू करने जा रहा है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने अपने प्रेस नोट में यह कहा है। कि 26 मई से बैंक और पोस्ट ऑफिस में यदि कोई व्यक्ति 20 लाख से ज्यादा का लेन देन करता है। तो उसे पैन और आधार बैंक को देना होगा।
अन्यथा बिना पैन और आधार के मैंने नहीं किया जा सकेगा
टैक्सपेयर्स और बड़ा लेनदेन करने वाले लोगों के लिए एक बेहद जरूरी खबर है। केंद्रीय प्रत्यक्ष बोर्ड द्वारा हाल ही में एक नोटिफिकेशन जारी किया गया है। जिसमें 26 मई 2022 से हो रहे इनकम टैक्स नियमों में बदलाव को बताया गया है।
केंद्रीय प्रत्यक्ष बोर्ड के अनुसार 1 साल में अगर 20 लाख रुपए से अधिक के बैंकिंग लेनदेन के लिए पैन और आधार को अनिवार्य कर दिया गया है। सीबीडीटी ने मई की शुरुआत में नोटिफिकेशन जारी करके बताया था। कि 1 साल में ₹20,00,000 से ज्यादा की रकम जमा करने या निकालने पर ग्राहकों को अनिवार्य रूप से अपने पैन और आधार कार्ड को पेश करना होगा।
टैक्स चोरी रुकेगी एवं पारदर्शिता बढ़ेगी
इनकम टैक्स मामलों के जानकारों ने बताया कि इस प्रकार के कदम से टैक्स चोरी रोकने में सफलता मिलेगी और बड़े लेन देन में काफी पारदर्शिता आएगी। इसके साथ ही अब बैंक पोस्ट ऑफिस कोऑपरेटिव सोसायटी को 20 लाख से ज्यादा के लेन देन की पूरी जानकारी देनी होगी। इन सभी बातों के अलावा किसी भी बैंक और डाकघर में चालू खाता या कैश क्रेडिट खाता खोलने के लिए ग्राहक को अपने पैन आधार की जानकारी देनी होगी।
पैन नहीं होने पर आधार से चल जाएगा काम
आयकर विभाग के सभी मामलों में पैन कार्ड का बहुत महत्व है। इसीलिए पैन कार्ड का इस्तेमाल सभी जगह किया जाता है। टैक्स पोर्टल पर अपना पैन कार्ड अपडेट करना हर करदाता के लिए अनिवार्य हैं। 26 मई 2022 से लागू होने वाले नए नियम में ग्राहकों को कुछ और प्रदान की गई है। यदि कोई करदाता 2000000 रुपए से अधिक लेनदेन में अपना पैन नहीं पेश करता है। तो वह आधार कार्ड दिखाकर भी इस ट्रांजैक्शन को पूरा कर सकता है।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर आयोग ने कहा, कि यह कदम सिर्फ टैक्स चोरी को रोकने के लिए उठाया गया है। यदि बड़े ट्रांजैक्शन के समय किसी व्यक्ति के पास पैन कार्ड नहीं है। तो वह अपने आधार की बायोमेट्रिक पहचान दे सकता है। अनुभवी टैक्स एक्सपर्ट का कहना है, कि बड़े लेन-देन में पेन की डिटेल दिए जाने से टैक्स चोरी पर लगाम कस जाएगी और इससे सरकार के राजस्व में वृद्धि होगी।